क्या टेस्ट क्रिकेट केवल 6 टीमों तक सीमित हो जाएगा? जानिए दिग्गजों की क्या है राय

टेस्ट क्रिकेट का भविष्य खतरे में! जानिए क्यों केवल छह टीमें ही खेल पाएंगी टेस्ट क्रिकेट, पढ़ें पूरी खबर।

क्या टेस्ट क्रिकेट केवल 6 टीमों तक सीमित हो जाएगा जानिए दिग्गजों की क्या है राय

टेस्ट क्रिकेट पर मंडरा रहा है खतरा

टेस्ट क्रिकेट की दुनिया में एक बड़ा खतरा मंडरा रहा है। अगर वित्तीय संतुलन के उपाय नहीं किए गए तो अगले चार वर्षों में केवल छह टीमें ही टेस्ट क्रिकेट खेल सकती हैं। यह निष्कर्ष हाल ही में क्रिकेट के दिग्गज और जानकारों की एक शिखर सम्मेलन से सामने आया है, जो लॉर्ड्स के लॉन्ग रूम में आयोजित हुई थी।

शिखर सम्मेलन की मुख्य बातें

क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के चेयरमैन माइक बेयर्ड ने भारतीय प्रीमियर लीग के मालिकों, पूर्व शीर्ष खिलाड़ियों, कॉर्पोरेट नेताओं और दुनियाभर के अधिकारियों के साथ सम्मेलन की। सम्मेलन में बीसीसीआई सचिव जय शाह को छोड़कर सभी प्रमुख हस्तियां मौजूद थीं।

इस सम्मेलन में आईसीसी के वर्तमान चेयर ग्रेग बार्कले, राजस्थान रॉयल्स के मालिक मनोज बडाले, कोलकाता नाइट राइडर्स के मालिक वेंकी मैसूर और पूर्व आईपीएल प्रमुख सुंदर रमन शामिल थे। चर्चा के दौरान बताया गया कि अगर राजस्व समान वितरण नहीं किया गया वेस्टइंडीज जैसी टीमें जो टेस्ट मैच नहीं खेल पा रही हैं जिससे टेस्ट क्रिकेट के गायब होने का खतरा है।

वित्तीय संतुलन की जरूरत

बेयर्ड ने कहा, 

Powered By

“बड़ी देशों को आर्थिक रूप से छोटे देशों की मदद करने पर विचार करना चाहिए। हालांकि, सवाल यह है कि कितनी टीमें स्थायी रूप से टेस्ट क्रिकेट खेल सकती हैं? क्या हमें स्थायी टेस्ट खेलने वाली टीमों की संख्या को कम करना चाहिए ताकि हम एक स्थायी प्रणाली बना सकें?”

उन्होंने आगे कहा, 

“क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया किसी भी देश को निर्देश नहीं देना चाहता, लेकिन हम टेस्ट क्रिकेट को समर्थन देने के लिए विचारों और प्रस्तावों के लिए खुले हैं।”

टेस्ट क्रिकेट को बचाने के लिए जरूरी है ये करना

वर्तमान फ्यूचर टूर प्रोग्राम के तहत नौ टीमों की वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप 2027 तक चलती रहेगी। ऑस्ट्रेलिया ने 2031 तक भारत और इंग्लैंड के साथ दौरे के समझौते किए हैं। बेयर्ड ने यह भी सुझाव दिया कि क्रिकेट को अमेरिकी एनएफएल जैसी लीगों के उदाहरण से सीखना चाहिए, जो छोटे और बड़े बाजारों के बीच संतुलन बनाकर सफल हो रही हैं।

खिलाड़ियों ने भी रखें अपने विचार

सम्मेलन में ऑस्ट्रेलियाई कप्तान पैट कमिंस और पूर्व महिला कप्तान मेग लैनिंग ने भी अपने विचार साझा किए।

कमिंस ने कहा, 

“फ्रैंचाइज़ क्रिकेट कुछ देशों के लिए अधिक लाभदायक और आकर्षक है। अगर आईपीएल और टेस्ट के लिए विशेष विंडो हों, तो खिलाड़ियों के लिए निर्णय लेना आसान हो जाएगा।”

लैनिंग ने कहा,

“वर्तमान में, शीर्ष खिलाड़ियों के लिए सब कुछ खेलना संभव नहीं है। अंतरराष्ट्रीय और घरेलू दोनों स्तरों पर खेलना मुश्किल है और इससे मानसिक थकान हो सकती है।”

टेस्ट क्रिकेट का भविष्य अनिश्चित है। अगर वित्तीय संतुलन के उपाय नहीं किए गए, तो टेस्ट क्रिकेट केवल कुछ ही टीमों तक सीमित हो सकता है। क्रिकेट बोर्ड्स को इस दिशा में ठोस कदम उठाने की जरूरत है ताकि इस महान खेल का भविष्य सुरक्षित रह सके।

Leave a Comment

You Might Also Like