Oval Test 2006: जब पाकिस्तान और इंग्लैंड का मैच घिरा बॉल टेंपरिंग के विवाद में

Oval Test 2006: यह कहानी उस टेस्ट मैच की है, जिसने क्रिकेट के इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ा—एक ऐसा अध्याय जो वर्षों तक याद रखा जाएगा।

Oval Test 2006: जब पाकिस्तान और इंग्लैंड का मैच घिरा बॉल टेंपरिंग के विवाद में

क्रिकेट इतिहास में कई मैच ऐसे रहे हैं, जो खेल से ज़्यादा विवादों के लिए जाने जाते हैं। ऐसा ही एक ऐतिहासिक मैच था 2006 ओवल टेस्ट, जिसमें पाकिस्तान और इंग्लैंड की टीमें आमने-सामने थीं। इस मैच के दौरान कुछ ऐसा हुआ जिसने न केवल क्रिकेट जगत को हिला दिया, बल्कि खेल के नियमों पर भी सवाल खड़े कर दिए। यह वो मैच था, जब पहली बार किसी टीम ने मैच के दौरान मैदान पर लौटने से इनकार कर दिया, और इसके चलते इंग्लैंड को विवादास्पद तरीके से विजेता घोषित किया गया।

पाकिस्तान का इंग्लैंड दौरा: शुरुआत से विवाद की संभावना

2006 में, पाकिस्तान ने इंग्लैंड का दौरा किया, जहाँ दोनों टीमों के बीच चार टेस्ट मैचों की श्रृंखला होनी थी। यह दौरा पहले ही विवादास्पद था, क्योंकि इस श्रृंखला के कुछ मैचों में ऑस्ट्रेलियाई अंपायर डैरेल हेयर को अंपायरिंग का ज़िम्मा दिया गया था। डैरेल हेयर का पाकिस्तान के साथ पहले से विवाद था, और पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) ने हेयर को हटाने की अपील की थी, लेकिन ICC ने इसे अनदेखा कर दिया।

जब दोनों टीमों के बीच पहला टेस्ट ड्रॉ हुआ और दूसरा और तीसरा टेस्ट इंग्लैंड ने जीता, तो पाकिस्तान को श्रृंखला में अपनी प्रतिष्ठा बचाने के लिए चौथा टेस्ट जीतना ज़रूरी था। यह टेस्ट मैच ओवल मैदान पर खेला जा रहा था, और सभी की निगाहें इस मैच पर थीं।

2006 ओवल टेस्ट: मैच की शुरुआत और पाकिस्तान का दबदबा

ओवल टेस्ट की शुरुआत पाकिस्तान के लिए शानदार रही। इंग्लैंड की टीम को पाकिस्तान के गेंदबाज़ों ने केवल 173 रन पर समेट दिया। पाकिस्तान ने जवाब में ज़बरदस्त बल्लेबाजी की, जहाँ मोहम्मद हफीज ने 95 रन, इमरान फ़ारहत ने 91 रन और मोहम्मद यूसुफ़ ने 128 रन बनाए। पाकिस्तान ने 504 रन बनाए, जिससे उन्हें 331 रन की बढ़त मिल गई। इस समय तक ऐसा लग रहा था कि पाकिस्तान यह मैच आसानी से जीत जाएगा।

बॉल टेम्परिंग का आरोप: विवाद की शुरुआत

इंग्लैंड की दूसरी पारी में, जब मैच का 56वां ओवर चल रहा था, अंपायर डैरेल हेयर और बिली डॉकट्रोव ने गेंद की जांच की और आरोप लगाया कि पाकिस्तान ने गेंद से छेड़छाड़ (बॉल टेम्परिंग) की है। उन्होंने तुरंत गेंद बदल दी और इंग्लैंड को 5 पेनल्टी रन दे दिए। यह फैसला पाकिस्तान के कप्तान इंजमाम-उल-हक़ के लिए एक बड़ा झटका था, क्योंकि हेयर ने बिना कोई ठोस सबूत के यह फैसला सुनाया था।

पाकिस्तान का विरोध: मैदान में लौटने से इंकार

टी ब्रेक के बाद जब इंग्लैंड के बल्लेबाज़ और अंपायर मैदान पर लौटे, तो पाकिस्तान की टीम ने मैदान में वापस आने से इंकार कर दिया। इंजमाम ने यह फैसला इसलिए लिया, क्योंकि उन्हें बिना सुनवाई के दोषी ठहराया गया था। अंपायरों ने कुछ देर इंतज़ार किया, और फिर ICC के नियम 16.3 (P2) के तहत इंग्लैंड को विजेता घोषित कर दिया।

मामला बढ़ता गया: पाकिस्तान का मैदान में वापसी का प्रयास

जब पाकिस्तान की टीम को यह महसूस हुआ कि उनका विरोध क्रिकेट की प्रतिष्ठा पर असर डाल सकता है, तो PCB के चेयरमैन शहरयार खान और इंजमाम-उल-हक़ ने मैच को आगे बढ़ाने का प्रयास किया। लेकिन इस बार डैरेल हेयर ने मैदान पर लौटने से मना कर दिया और अपनी पहले दी गई जीत को मान्यता देने की ज़िद पर अड़े रहे।

डैरेल हेयर की ईमेल लीक

इस पूरे प्रकरण के बाद, एक और बड़ा विवाद तब खड़ा हुआ जब डैरेल हेयर की एक ईमेल लीक हो गई, जिसमें उन्होंने ICC से 500,000 डॉलर की मांग की थी ताकि वे अंपायरिंग से रिटायर हो सकें। यह ईमेल लीक होते ही क्रिकेट जगत में हड़कंप मच गया। पाकिस्तान के समर्थन में और ज़्यादा आवाज़ें उठने लगीं, और अंततः ICC को इस मुद्दे पर सुनवाई करनी पड़ी।

निर्णय: पाकिस्तान दोषमुक्त, लेकिन इंजमाम पर बैन

सुनवाई के बाद, ICC ने पाकिस्तान के खिलाफ लगाए गए बॉल टेम्परिंग के आरोपों को खारिज कर दिया। लेकिन इंजमाम-उल-हक़ पर 4 मैचों का बैन लगाया गया, क्योंकि उन्होंने खेल को आगे बढ़ाने से मना कर दिया था। डैरेल हेयर को इस मामले में दोषी ठहराया गया और उन्हें अंतरराष्ट्रीय अंपायरिंग से हटा दिया गया।

हालांकि, इस विवादास्पद मैच का नतीजा बार-बार बदला गया। पहले इसे ड्रॉ घोषित किया गया, फिर MCC की नियमों का हवाला देते हुए इंग्लैंड को विजेता घोषित कर दिया गया।

क्रिकेट की गरिमा और अंपायरिंग पर सवाल

2006 का ओवल टेस्ट क्रिकेट इतिहास का सबसे विवादास्पद मैच बन गया। इस मैच ने न केवल क्रिकेट की गरिमा को चुनौती दी, बल्कि अंपायरिंग के मानकों पर भी सवाल खड़े किए। पाकिस्तान के कप्तान इंजमाम-उल-हक़ ने अपने देश के सम्मान की खातिर मैदान में लौटने से मना किया, और इस फैसले को तब के राष्ट्रपति परवेज़ मुशर्रफ और PCB ने पूरी तरह से समर्थन दिया।

क्रिकेट जगत में यह विवाद सालों तक याद रखा जाएगा, क्योंकि इसने क्रिकेट के नियमों और खेल भावना पर गहरी छाप छोड़ी

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