चेन्नई टेस्ट में रविचंद्रन अश्विन ने संकट में शतक जड़कर भारत को मजबूती दी। जानें कैसे अश्विन और जडेजा ने पारी को संभाला और एमएस धोनी के रिकॉर्ड की बराबरी की।
भारत और बांग्लादेश के बीच चल रहे दो मैचों की टेस्ट सीरीज के पहले मुकाबले में रविचंद्रन अश्विन ने बल्ले से कमाल करते हुए भारतीय टीम को मुश्किल परिस्थितियों से बाहर निकाला। चेन्नई के एमए. चिदंबरम स्टेडियम में खेलते हुए अश्विन ने अपने टेस्ट करियर का छठा शतक पूरा किया और इस शतक के साथ उन्होंने एमएस धोनी के टेस्ट शतकों के रिकॉर्ड की भी बराबरी कर ली।
चेन्नई टेस्ट के पहले दिन का खेल खत्म होने तक भारत ने 6 विकेट के नुकसान पर 339 रन बना लिए थे। अश्विन 102 रन बनाकर नाबाद रहे, जबकि रवींद्र जडेजा भी 86 रन के साथ क्रीज पर जमे हुए हैं। दोनों ने मिलकर अब तक सातवें विकेट के लिए 195 रन जोड़े हैं, जिससे भारतीय टीम एक मजबूत स्थिति में पहुंच गई है।
होम ग्राउंड पर रविचंद्रन अश्विन दूसरा टेस्ट शतक
जब अश्विन बल्लेबाजी करने उतरे, तब भारतीय टीम 144 रन पर 6 विकेट गंवाकर संकट में थी। अश्विन ने जडेजा के साथ मिलकर न केवल पारी को संभाला बल्कि तेजी से रन भी बनाए। चेन्नई के चेपॉक मैदान पर यह उनका दूसरा टेस्ट शतक है। खास बात यह है कि अश्विन भारतीय टेस्ट क्रिकेट इतिहास में 38 साल की उम्र में शतक लगाने वाले पांचवें सबसे उम्रदराज खिलाड़ी बन गए हैं।
भारत के लिए सबसे अधिक उम्र में शतक लगाने वाले खिलाड़ी
- विजय मर्चेंट – 40 साल 21 दिन (बनाम इंग्लैंड, 1951)
- राहुल द्रविड़ – 38 साल 307 दिन (बनाम वेस्टइंडीज, 2011)
- वीनू मांकड़ – 38 साल 269 दिन (बनाम न्यूज़ीलैंड, 1956)
- वीनू मांकड़ – 38 साल 234 दिन (बनाम न्यूज़ीलैंड, 1955)
- रविचंद्रन अश्विन – 38 साल 2 दिन (बनाम बांग्लादेश, 2024)
विश्व टेस्ट चैंपियनशिप में अश्विन का योगदान
रविचंद्रन अश्विन के लिए यह टेस्ट सीरीज खास है, क्योंकि उन्होंने आईसीसी विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) में भी अपने 1000 रन पूरे कर लिए हैं। इस उपलब्धि के साथ वह डब्ल्यूटीसी में 1000 से ज्यादा रन बनाने वाले भारतीय खिलाड़ियों की सूची में शामिल हो गए हैं। अश्विन अब तक 36 मैचों में यह मुकाम हासिल कर चुके हैं।
दिलचस्प बात यह है कि जहां अश्विन ने यह उपलब्धि गेंदबाज होते हुए हासिल की, वहीं प्रमुख बल्लेबाज केएल राहुल और श्रेयस अय्यर अब तक इस मील के पत्थर तक नहीं पहुंच पाए हैं। राहुल ने 17 मैचों में 974 रन बनाए हैं, जबकि अय्यर ने 14 मैचों में 811 रन जोड़े हैं। अश्विन का यह प्रदर्शन उनके ऑलराउंडर कौशल को और भी खास बना देता है।
अश्विन और जडेजा की मजबूत साझेदारी
अश्विन और जडेजा ने सातवें विकेट के लिए 195 रन की महत्वपूर्ण साझेदारी निभाई, जिसने भारतीय टीम को बांग्लादेश के खिलाफ मजबूती दी है। दोनों की यह साझेदारी न केवल भारतीय पारी को संभालने में अहम रही, बल्कि इसने टीम को एक बड़े स्कोर की ओर भी अग्रसर किया। फैंस को अब उम्मीद है कि यह जोड़ी गेंदबाजी में भी अपना जलवा दिखाएगी और भारत को जीत की राह पर ले जाएगी।