10 Worst Buys of IPL History: जानिए IPL के इतिहास की सबसे खराब खरीदारी के बारे में, जहां महंगे खिलाड़ियों ने उम्मीदों पर पानी फेर दिया। पढ़ें इस दिलचस्प कहानी को!
2013 में मुंबई इंडियंस ने एक खिलाड़ी पर 2 करोड़ खर्च किए, लेकिन उसने पूरे सीजन में 60 रन भी नहीं बनाए। यह तो छोटी रकम थी, लेकिन कहानी तब दिलचस्प हो जाती है जब टीमें करोड़ों रुपये खर्च करके भी ठगी जाती हैं। IPL के शुरुआती सालों में जहाँ खिलाड़ियों की कीमतें लाखों में थी, वहीं 2024 तक यह आंकड़ा 25 करोड़ तक पहुँच गया है। लेकिन क्या ये सभी खिलाड़ी अपने प्राइस टैग के हकदार साबित हुए? चलिए जानते हैं ऐसे ही 10 खिलाड़ियों के बारे में जो CrickeTalk के अनुसार अपने प्राइस के अनुरूप प्रदर्शन करने में नाकाम रहे –
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1. दिल्ली का दु:स्वप्न – दिनेश कार्तिक (2014)
2014 के मेगा ऑक्शन में दिल्ली कैपिटल्स ने दिनेश कार्तिक पर 12.5 करोड़ रुपये खर्च किए। लेकिन कार्तिक का प्रदर्शन बेहद साधारण रहा। 2013 में 510 रन बनाने वाले कार्तिक 2014 में 23 के औसत से रन बना पाए। दिल्ली की टीम उस सीजन में आखिरी स्थान पर रही और अगले साल उन्होंने कार्तिक को रिलीज कर दिया।
2. कैंसर को मात देकर लौटे युवराज सिंह (2015)
2015 में दिल्ली ने युवराज सिंह को 16 करोड़ रुपये में खरीदा। हालांकि, इस बार भी टीम का प्रदर्शन निराशाजनक रहा। युवराज ने 14 मैचों में सिर्फ 248 रन बनाए और गेंदबाजी में भी कुछ खास नहीं कर पाए। उनके प्रदर्शन के कारण दिल्ली ने उन्हें उसी साल रिलीज कर दिया।
3. ऋषि धवन और दिल्ली की तीसरी भूल (2016)
2016 में दिल्ली ने 8.5 करोड़ रुपये में पवन नेगी को खरीदा। नेगी का पिछला प्रदर्शन भी कोई खास नहीं था, लेकिन फिर भी दिल्ली ने उन्हें टीम में शामिल किया। नेगी ने पूरे सीजन में सिर्फ 57 रन बनाए और गेंदबाजी में केवल एक विकेट लिया। यह दिल्ली की सबसे बड़ी गलतियों में से एक साबित हुई।
4. पवन नेगी: दिल्ली की महंगी भूल (2016)
2016 में दिल्ली ने पवन नेगी को 8.5 करोड़ रुपये में खरीदा, जो उस वक्त एक अनकैप्ड खिलाड़ी थे। पिछले चार सालों में नेगी ने केवल 21 मैचों में 13 विकेट लिए थे और उनका बल्लेबाजी औसत भी 16-17 ही था। नेगी ने पूरे सीजन में सिर्फ 57 रन बनाए और 8 मैचों में केवल एक विकेट लिया। दिल्ली ने सीजन के अंत में नेगी को रिलीज कर दिया।
5. टाइमल मिल्स: RCB की बुरी किस्मत (2017)
RCB ने 2017 में टाइमल मिल्स को 12 करोड़ रुपये में खरीदा। इंग्लैंड के इस गेंदबाज से बहुत उम्मीदें थीं, लेकिन उन्होंने सीजन में सिर्फ 5 विकेट लिए और RCB को निराश किया। मिल्स 2022 तक IPL से गायब रहे और फिर कभी अपने प्रदर्शन को सुधार नहीं पाए।
6. मनोज तिवारी – नाम बड़े और दर्शन छोटे (2018)
2018 में SRH ने मनोज तिवारी को 11 करोड़ रुपये में खरीदा। तिवारी ने 2017 में शानदार प्रदर्शन किया था, लेकिन 2018 में वे सिर्फ 284 रन बना सके। SRH की उम्मीदों पर वे खरे नहीं उतरे और चार सीजन बाद भी वे टीम के लिए कुछ खास नहीं कर पाए।
7. जयदेव उनादकट और राजस्थान रॉयल्स की त्रासदी (2018-2020)
जयदेव उनादकट को 2018 में 11.5 करोड़ रुपये में राजस्थान रॉयल्स ने खरीदा, लेकिन उनका प्रदर्शन बेहद खराब रहा। उन्होंने 15 मैचों में सिर्फ 11 विकेट लिए। अगले दो सालों में भी उन्हें बार-बार खरीदा गया लेकिन हर बार वे निराश करते रहे।
8. ग्लेन मैक्सवेल: पंजाब की सबसे बड़ी भूल (2020)
ग्लेन मैक्सवेल को पंजाब किंग्स ने 2020 में 11 करोड़ रुपये में खरीदा, लेकिन उन्होंने पूरे सीजन में सिर्फ 108 रन बनाए। उनका प्रदर्शन इतना खराब था कि आखिरी मैच में उन्हें प्लेइंग इलेवन से भी बाहर कर दिया गया।
9. काइल जेमिसन: RCB का महंगा एक्सपेरिमेंट (2021)
2021 में RCB ने काइल जेमिसन को 15 करोड़ रुपये में खरीदा। एक टेस्ट विशेषज्ञ को इतने बड़े दाम पर खरीदने का फैसला टीम पर भारी पड़ा। जेमिसन ने पूरे सीजन में सिर्फ 9 विकेट लिए और उन्हें भी अगले साल रिलीज कर दिया गया।
10. हैरी ब्रूक: SRH की भारी भूल (2023)
2023 में SRH ने हैरी ब्रूक को 13 करोड़ रुपये में खरीदा, लेकिन उन्होंने सिर्फ 190 रन बनाए, जिनमें से 100 रन एक ही मैच में आए। SRH की योजना थी कि ब्रूक भविष्य के लिए एक प्रोजेक्ट प्लेयर होंगे, लेकिन वे उम्मीदों पर खरे नहीं उतरे और 2024 के IPL से पहले उन्हें रिलीज कर दिया गया।
IPL में टीमों की सबसे बड़ी चुनौती सही खिलाड़ी की पहचान करना होती है। बड़े बजट और ऊंची कीमतें हमेशा अच्छा प्रदर्शन नहीं दिला पातीं। ये कहानी उन गलतियों की है जो टीमें सबक सीखने के लिए करती हैं। क्या इस साल भी कोई बड़ा दांव गलत साबित होगा? कमेंट करके बताएं!