भारतीय ऑलराउंडर रविचंद्रन अश्विन ने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लिया। गाबा में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ आखिरी टेस्ट के बाद उनकी भावुक स्पीच ने सभी का दिल जीता।
भारतीय क्रिकेट के महान ऑलराउंडर रविचंद्रन अश्विन ने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेकर अपने करियर पर विराम लगा दिया है। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ गाबा में बारिश के कारण ड्रॉ रहे टेस्ट मैच के बाद अश्विन ने अपने संन्यास का ऐलान किया। उनकी भावुक स्पीच ने क्रिकेट प्रशंसकों और साथी खिलाड़ियों की आंखें नम कर दीं।
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Toggleभावुक स्पीच ने छोड़ा गहरा प्रभाव
अश्विन ने अपने संन्यास की घोषणा करते हुए कहा,
“मेरे अंदर अभी भी क्रिकेटर के तौर पर थोड़ा सा जोश बाकी है। लेकिन यह मेरा आखिरी दिन है। मैंने अपने करियर में काफी मजा किया और कई यादगार लम्हे बनाए, खासकर रोहित और अपने बाकी साथियों के साथ। हालांकि, मैंने पिछले कुछ सालों में कुछ साथियों को खो दिया।”
अपनी यात्रा को याद करते हुए अश्विन ने इसे खुशियों, चुनौतियों और टीम के साथ बिताए शानदार पलों से भरा बताया। उन्होंने कहा,
“हम (रोहित, कोहली और मैं) ड्रेसिंग रूम के आखिरी ओजी (ओरिजिनल गैंगस्टर्स) बच गए हैं। मैं इस दिन को अपनी अंतिम तारीख के रूप में चिह्नित करूंगा।”
700 से ज्यादा विकेट और अनगिनत यादें
रविचंद्रन अश्विन ने अपने करियर में 106 टेस्ट मैच खेले, जिसमें उन्होंने 537 विकेट लिए और 3503 रन बनाए। तीनों फॉर्मेट में 700 से ज्यादा विकेट हासिल करने वाले अश्विन ने भारतीय क्रिकेट में अपनी जगह हमेशा के लिए दर्ज करा ली है।
Ravichandran Ashwin announces his retirement from all forms of international cricket.
— 7Cricket (@7Cricket) December 18, 2024
Congratulations on a brilliant career 👏 pic.twitter.com/UHWAFmMwC0
साथी खिलाड़ियों और फैंस के लिए दिल से धन्यवाद
अश्विन ने अपनी स्पीच में अपने साथी खिलाड़ियों, कोचों और बीसीसीआई का धन्यवाद किया। उन्होंने कहा,
“ऑस्ट्रेलियाई टीम का भी बड़ा धन्यवाद, जिन्होंने हमेशा कड़ी टक्कर दी। मेरे साथी अजिंक्य, पुजारा और बाकी खिलाड़ियों को धन्यवाद जिन्होंने मेरे लिए 100 कैच पकड़े और मुझे इतने विकेट दिलाए।”
उन्होंने यह भी कहा कि खेल ने उन्हें सब कुछ दिया है और वह भविष्य में किसी न किसी रूप में क्रिकेट से जुड़े रहेंगे।
क्रिकेट की दुनिया में अश्विन की जगह अमर
अश्विन का योगदान भारतीय क्रिकेट के लिए अमूल्य है। वह केवल एक महान गेंदबाज ही नहीं, बल्कि मुश्किल समय में टीम के लिए एक भरोसेमंद ऑलराउंडर भी रहे हैं। उनके जाने से भारतीय ड्रेसिंग रूम में एक खालीपन जरूर आएगा, लेकिन उनकी यादें और योगदान हमेशा जिंदा रहेंगे।
आपकी क्या राय है, अश्विन की जगह कौन भारतीय क्रिकेट में वह योगदान दे सकता है? अपनी राय कमेंट में जरूर बताएं।