हरभजन सिंह ने खुलासा किया कि कैसे एमएस धोनी ने IPL में शार्दुल ठाकुर को खुद सीखने का मौका दिया और उनकी मदद करने से इंकार कर दिया, जिससे शार्दुल को खुद की गलतियों से सीखने का मौका मिला।
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Toggleएमएस धोनी ने शार्दुल ठाकुर को खुद सीखने का दिया मौका
महेंद्र सिंह धोनी, जिन्हें उनकी कप्तानी, तेज सोच और शानदार विकेटकीपिंग के लिए जाना जाता है, ने हमेशा अपने खिलाड़ियों को खुद से सीखने का मौका दिया है। एक ऐसा ही वाकया सामने आया जब हरभजन सिंह ने खुलासा किया कि IPL में शार्दुल ठाकुर की मदद करने से धोनी ने इंकार कर दिया।
हरभजन का खुलासा: शार्दुल ठाकुर की मदद करने से क्यों मुकर गए धोनी?
पूर्व क्रिकेटर हरभजन सिंह ने एक इंटरव्यू में बताया कि जब केन विलियमसन ने शार्दुल ठाकुर की गेंदों पर लगातार बाउंड्री मारीं, तो उन्होंने धोनी से शार्दुल को गाइड करने की अपील की। लेकिन धोनी ने यह कहकर मना कर दिया कि अगर आज मैं बताऊंगा तो वह कभी नहीं सीखेगा। धोनी ने कहा,
“पाजी अगर आज बता दूंगा ना, ये कभी नहीं सीखेगा। उसे खुद ही सीखने दो।”
धोनी का नेतृत्व और खिलाड़ियों की व्यक्तिगत विकास पर जोर
एमएस धोनी का मानना है कि व्यक्तिगत विकास के लिए खिलाड़ियों को अपनी गलतियों से सीखना जरूरी है। उन्होंने कहा कि हर बार वह मैदान पर नहीं होंगे, ऐसे में खिलाड़ियों को अपनी समस्याओं का समाधान खुद करना आना चाहिए। शार्दुल ठाकुर के मामले में भी, धोनी ने यही मंत्र अपनाया और उन्हें खुद अपनी गलतियों से सीखने का मौका दिया।
धोनी की नेतृत्व क्षमता का असर CSK की सफलता पर
धोनी की नेतृत्व क्षमता और उनकी सोच ने चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) को पांच बार IPL का खिताब जिताने में अहम भूमिका निभाई है। हरभजन सिंह ने धोनी की तारीफ करते हुए कहा कि वह बहुत शांत रहते हैं, जो एक बड़ी बात है। उनकी सोच में स्पष्टता होती है और उनका खुद का गेम जीतने का कौशल टीम पर भी सकारात्मक असर डालता है।
टीम के माहौल को बनाए रखना: धोनी का खास अंदाज
धोनी हमेशा यह सुनिश्चित करते हैं कि हर खिलाड़ी ड्रेसिंग रूम में बराबरी का महसूस करे और परिणाम चाहे जो भी हो, टीम का मनोबल ऊंचा रहे। यही कारण है कि धोनी के नेतृत्व में CSK ने एक सफल और सकारात्मक माहौल बनाए रखा है।
एमएस धोनी का सफलता का मंत्र: सीखना परिणाम से ज्यादा महत्वपूर्ण
धोनी का मानना है कि सीखने की प्रक्रिया परिणामों से अधिक महत्वपूर्ण है। वह अपनी टीम को भी यही सीख देते हैं और यह ही उनकी कप्तानी को खास बनाता है। चाहे वह मैदान पर हो या ड्रेसिंग रूम में, धोनी की यह सोच उनके नेतृत्व की पहचान है।
एमएस धोनी की यह सोच कि खिलाड़ी अपनी गलतियों से सीखें, शार्दुल ठाकुर के लिए एक बड़ी सीख थी। धोनी का यह कदम दर्शाता है कि वह केवल जीत पर ही नहीं, बल्कि खिलाड़ियों के व्यक्तिगत विकास पर भी ध्यान देते हैं। यह ही कारण है कि धोनी को एक सफल कप्तान और प्रेरणास्त्रोत माना जाता है।