पर्थ टेस्ट में केएल राहुल का विवादित आउट: जानें कैसे एक गलत फैसले ने भारतीय टीम को झटका दिया। मिचेल स्टार्क की गेंद और डीआरएस विवाद ने क्रिकेट जगत को हिला दिया।
क्रिकेट के मैदान पर कई बार ऐसे पल आते हैं, जब खिलाड़ियों का संघर्ष और मेहनत एक पल में खत्म हो जाती है। ऐसा ही कुछ हुआ पर्थ टेस्ट के पहले दिन, जब भारतीय बल्लेबाज केएल राहुल को एक विवादित फैसले के कारण पवेलियन लौटना पड़ा। यह घटना न केवल राहुल के लिए बल्कि भारतीय टीम के लिए भी एक बड़ा झटका साबित हुई।
Table of Contents
Toggleपर्थ टेस्ट की घटना
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच चल रहे पर्थ टेस्ट में, भारत के ओपनर केएल राहुल एक अच्छी शुरुआत को बड़ी पारी में बदलने में नाकाम रहे। उन्होंने 26 रन बनाए थे जब ऑस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाज मिचेल स्टार्क ने उन्हें अपना शिकार बनाया।
घटना 23वें ओवर में घटी, जब राहुल और ऋषभ पंत विराट कोहली के आउट होने के बाद पारी को संभालने की कोशिश कर रहे थे। मिचेल स्टार्क, जो पहले ही एक विकेट ले चुके थे, ने एक बार फिर गेंद को बेहतरीन तरीके से स्विंग कराते हुए राहुल को फंसाया।
कैसे हुआ विवादित फैसला?
स्टार्क ने ऑफ और मिडल स्टंप लाइन पर गुड लेंथ की गेंद फेंकी, जो राहुल के बल्ले से दूर स्विंग हुई। राहुल ने इसे डिफेंस करने की कोशिश की, लेकिन गेंद विकेटकीपर एलेक्स कैरी के हाथों में चली गई।
ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों ने कैच की अपील की, लेकिन अंपायर ने इसे नकार दिया। इसके बाद कप्तान पैट कमिंस ने डीआरएस का सहारा लिया। रिप्ले में यह साफ हुआ कि राहुल का बल्ला उनके पैड से टकराया था, लेकिन कोई निर्णायक सबूत नहीं था कि गेंद बल्ले से लगी थी।
इसके बावजूद, थर्ड अंपायर ने ऑन-फील्ड अंपायर का फैसला पलट दिया। यह फैसला नियमों के खिलाफ था, क्योंकि ऑन-फील्ड फैसले को केवल तभी पलटा जा सकता है जब गेंद बल्ले से लगने के ठोस प्रमाण हों।
राहुल को इस फैसले पर गहरी नाराजगी थी और उन्होंने गुस्से और निराशा के साथ मैदान छोड़ा।
भारत की खराब शुरुआत
इस विवाद के बीच, भारतीय टीम की पारी लड़खड़ाती रही। स्टैंड-इन कप्तान जसप्रीत बुमराह ने टॉस जीतकर बल्लेबाजी का फैसला किया था, लेकिन ऑस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाजों ने पिच का पूरा फायदा उठाया।
- देवदत्त पडिक्कल और यशस्वी जायसवाल बिना खाता खोले पवेलियन लौट गए।
- विराट कोहली ने केवल 5 रन बनाए।
- लंच के समय भारत ने 51 रन पर 4 विकेट खो दिए थे।
ऋषभ पंत (10*) और ध्रुव जुरेल (4*) क्रीज पर थे, और भारतीय टीम को मुश्किल हालात से बाहर निकालने की जिम्मेदारी उनके कंधों पर थी।
क्रिकेट में विवादित फैसलों का प्रभाव
क्रिकेट में तकनीक ने खेल को ज्यादा निष्पक्ष और रोमांचक बनाया है, लेकिन इस तरह के विवादित फैसले खेल की साख पर सवाल खड़े कर देते हैं। राहुल का यह आउट न केवल उनके प्रदर्शन को प्रभावित कर सकता है बल्कि टीम के मनोबल पर भी असर डाल सकता है।
इस घटना के बाद क्रिकेट जगत में चर्चा तेज हो गई कि क्या डीआरएस का सही तरीके से इस्तेमाल हो रहा है? इस तरह के फैसले खेल के नियमों और निष्पक्षता पर सवाल खड़े करते हैं।