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अपने 33वें टेस्ट शतक के बाद जो रूट हुए भावुक, शतक गुरु ग्राहम थॉर्प को किया समर्पित

जो रूट ने श्रीलंका के खिलाफ दूसरे टेस्ट में अपने 33वें शतक को गुरु ग्राहम थॉर्प को समर्पित किया। जानें कैसे थॉर्प ने उनकी क्रिकेट यात्रा को आकार दिया।

अपने 33वें टेस्ट शतक के बाद जो रूट हुए भावुक, शतक गुरु ग्राहम थॉर्प को किया समर्पित
अपने 33वें टेस्ट शतक के बाद जो रूट हुए भावुक (x.com)

मुख्य बिंदु:

  •  जो रूट ने गुरु ग्राहम थॉर्प को समर्पित किया अपना 33वां टेस्ट शतक।
  •  थॉर्प के मार्गदर्शन ने रूट की क्रिकेट करियर को नई ऊँचाइयों पर पहुँचाया।
  •  रूट ने थॉर्प के साथ अपनी पहली मुलाकात को याद किया और उनके योगदान की सराहना की।

जो रूट का भावुक शतक

इंग्लैंड के स्टार बल्लेबाज जो रूट ने हाल ही में श्रीलंका के खिलाफ दूसरे टेस्ट मैच के पहले दिन अपने 33वें टेस्ट शतक को गुरु ग्राहम थॉर्प को समर्पित किया। रूट ने इस शतक को अपने करियर में थॉर्प के महत्वपूर्ण योगदान के रूप में याद किया और उनके प्रति अपनी भावनाओं को व्यक्त किया।

ग्राहम थॉर्प का योगदान

जो रूट ने बताया कि ग्राहम थॉर्प का उनके जीवन और करियर पर गहरा प्रभाव पड़ा है। थॉर्प ने रूट की प्रतिभा को बहुत पहले से ही पहचान लिया था और उन्हें इंग्लैंड लायंस सेटअप में जल्दी शामिल किया। रूट ने अपनी पहली मुलाकात को याद करते हुए कहा, “थॉर्प ने मेरे खेल में कुछ देखा और मेरे साथ कड़ी मेहनत की।”

थॉर्प के साथ शुरुआती प्रशिक्षण

थॉर्प के साथ रूट के शुरुआती प्रशिक्षण ने उन्हें स्पिन और पेस के खिलाफ मजबूत बनाया। थॉर्प ने उन्हें गेंद के करीब आने, दूर होने और विभिन्न स्वीप्स का उपयोग करने में मदद की। यह तकनीकी मार्गदर्शन रूट की सफलता के लिए महत्वपूर्ण साबित हुआ।

इंग्लैंड का प्रदर्शन

पहले दिन के अंत तक इंग्लैंड ने 358/7 का स्कोर बनाया, जिसमें रूट की 143 रनों की पारी एक मुख्य आकर्षण रही। उनकी शानदार पारी न केवल तकनीकी दृष्टिकोण से बल्कि भावनात्मक रूप से भी महत्वपूर्ण थी।

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