आईपीएल के आगामी मेगा ऑक्शन से पहले एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया है, और इसका कारण है राइट टू मैच (RTM) कार्ड नियम में बदलाव। यह नियम टीमों को उन खिलाड़ियों को फिर से अपनी टीम में शामिल करने का मौका देता है जिन्हें उन्होंने रिटेन नहीं किया होता, लेकिन इस बार इसमें किए गए संशोधन ने कई फ्रेंचाइजियों को नाराज कर दिया है।
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Toggleराइट टू मैच कार्ड का क्या है नियम?
राइट टू मैच (RTM) कार्ड आईपीएल की एक महत्वपूर्ण रणनीतिक सुविधा है। इसके तहत, अगर कोई टीम किसी खिलाड़ी को रिटेन नहीं कर पाती और वह खिलाड़ी ऑक्शन में बिक जाता है, तो वह टीम RTM कार्ड का उपयोग करके उस खिलाड़ी को वापस अपनी टीम में शामिल कर सकती है। उदाहरण के तौर पर, अगर मुंबई इंडियंस ने रोहित शर्मा को रिटेन नहीं किया और रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (RCB) ने उन्हें ₹10 करोड़ में खरीदा, तो मुंबई इंडियंस RTM कार्ड का उपयोग करके रोहित शर्मा को ₹10 करोड़ में वापस अपनी टीम में शामिल कर सकती है।
नए RTM नियम में क्या बदलाव हुआ है?
हालांकि, इस बार आईपीएल गवर्निंग काउंसिल ने RTM नियम में एक बड़ा बदलाव किया है, जो विवाद का कारण बना है। नए नियम के तहत, अगर किसी टीम ने एक खिलाड़ी पर बोली लगाई और दूसरी टीम ने RTM कार्ड का उपयोग किया, तो पहली टीम को उस खिलाड़ी की बोली बढ़ाने का मौका मिलेगा।
उदाहरण के लिए, अगर सनराइजर्स हैदराबाद ने मोईन अली को ₹6 करोड़ में खरीदा और चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) RTM कार्ड का उपयोग कर मोईन अली को अपनी टीम में लेना चाहती है, तो हैदराबाद अपनी बोली को ₹9 या ₹10 करोड़ तक बढ़ा सकता है। इसके बाद CSK को मोईन अली को उस बढ़ी हुई कीमत पर खरीदना होगा, या फिर मोईन अली हैदराबाद के पास ही चले जाएंगे।
विवाद क्यों खड़ा हुआ है?
इस बदलाव से फ्रेंचाइजियों में असंतोष फैल गया है। कई टीमों का मानना है कि इस संशोधन से RTM कार्ड की मूल भावना कमजोर हो जाएगी। फ्रेंचाइजियों का तर्क है कि RTM का उद्देश्य खिलाड़ी के बाजार मूल्य को स्थापित करना है। अगर कोई टीम मनमाने ढंग से बोली बढ़ाए और RTM का उपयोग करने वाली टीम को वही कीमत चुकानी पड़े, तो यह नियम का असल मकसद खत्म हो जाएगा।
कुछ टीमों ने बीसीसीआई को पत्र लिखकर इस मुद्दे पर अपनी नाराजगी जाहिर की है। उनका कहना है कि अगर RTM के बाद दूसरी टीम को बोली बढ़ाने का मौका दिया जाता है, तो RTM का सही उपयोग संभव नहीं होगा। इसके साथ ही, यह टीमों के लिए नुकसानदेह हो सकता है, क्योंकि या तो उन्हें अधिक पैसे खर्च करने पड़ेंगे या फिर उन्हें अपने महत्वपूर्ण खिलाड़ियों को छोड़ना होगा।
बीसीसीआई की प्रतिक्रिया और नए नियम
बीसीसीआई ने 28 सितंबर को रिटेंशन पॉलिसी की घोषणा की थी, जिसमें RTM नियम में यह संशोधन शामिल था। बोर्ड का कहना है कि यह बदलाव खिलाड़ियों की वास्तविक बाजार कीमत सुनिश्चित करने के लिए किया गया है। इस नए नियम के तहत, जिस टीम ने खिलाड़ी पर सबसे ज्यादा बोली लगाई है, उसे एक आखिरी मौका मिलेगा अपनी बोली बढ़ाने का, और इसके बाद ही RTM कार्ड का उपयोग करने वाली टीम अपना अधिकार प्रयोग कर पाएगी।
RTM कार्ड की सीमाएं
इस बार, प्रत्येक टीम को अधिकतम 6 RTM कार्ड उपयोग करने की अनुमति दी गई है। हालांकि, अगर कोई टीम अधिक खिलाड़ियों को रिटेन करती है, तो RTM कार्ड की संख्या कम हो जाएगी। इसका मतलब यह है कि जितने ज्यादा खिलाड़ी रिटेन होंगे, उतने कम RTM कार्ड इस्तेमाल किए जा सकेंगे।
आईपीएल 2025 के मेगा ऑक्शन से पहले RTM नियम में किया गया यह बदलाव फ्रेंचाइजियों के लिए एक महत्वपूर्ण मुद्दा बन गया है। जहां कुछ टीमें इस बदलाव को खिलाड़ी की सही बाजार कीमत को दर्शाने के रूप में देखती हैं, वहीं कुछ इसे रणनीतिक नुकसान मान रही हैं। देखना दिलचस्प होगा कि यह विवाद कैसे सुलझता है और बीसीसीआई किस तरह से इस पर प्रतिक्रिया देती है।