WC 2024 में भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया मैच में रोहित शर्मा की धुआंधार पारी और टीम इंडिया की जीत, जिसने 2023 के वर्ल्ड कप के जख्मों पर मरहम लगाया। पढ़िए पूरी कहानी!
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Toggleएक बार फिर से इतिहास रचने का था मौका
भारत के लिए 19 नवंबर 2023 का दिन अब भी ताज़ा है, जब ऑस्ट्रेलिया ने उसे क्रिकेट के सबसे बड़े मंच पर शिकस्त दी थी। वह हार हर भारतीय क्रिकेट प्रशंसक के दिल में एक गहरे जख्म की तरह बैठी हुई थी। वह रात, जब पूरे भारत की आंखों में आँसू थे, और उस ट्रॉफी की ख्वाहिश अधूरी रह गई थी। भारतीय क्रिकेट प्रशंसक उस हार को भूल नहीं पाए थे।
लेकिन समय का पहिया घूमता है, और इस बार, 2024 विश्व कप में, भारत को फिर से उसी ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेलने का मौका मिला। यह केवल एक मैच नहीं था, बल्कि वह मौका था जब भारतीय टीम और रोहित शर्मा ने ठान लिया था कि वह पिछले साल के हार का हिसाब बराबर करेंगे। यह मुकाबला केवल एक खेल नहीं, बल्कि एक भावनात्मक यात्रा थी, जिसमें भारतीय क्रिकेट ने न केवल अपने गौरव को पुनः स्थापित किया बल्कि क्रिकेट के इतिहास में एक नया अध्याय लिखा।
पुरानी यादों के साथ नई उम्मीदें
19 नवंबर 2023 की हार अब भी हर भारतीय फैन के दिल में थी। उस दिन की हार ने भारत को झकझोर कर रख दिया था। कंगारुओं ने हमें हमारे ही घर में हराया, और भारत की ट्रॉफी की आस को एक बार फिर से धराशायी कर दिया। जब भी भारतीय प्रशंसक उस दिन को याद करते, उनके दिलों में एक टीस उठती।
पर 2024 में, सब कुछ बदलने वाला था। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ होने वाले इस महा मुकाबले से पहले, रोहित शर्मा ने अपनी टीम को एक नई दिशा दी थी। वह जानते थे कि यह मैच केवल एक टूर्नामेंट का हिस्सा नहीं था, यह मैच एक मिशन था। एक मिशन जिसमें केवल जीत ही एकमात्र लक्ष्य था।
रोहित शर्मा का ‘पर्सनल’ बदला
मुकाबला शुरू हुआ, और ऑस्ट्रेलिया ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने का फैसला किया। सभी को उम्मीद थी कि ऑस्ट्रेलिया एक बार फिर भारत पर दबाव बनाएगा, जैसा उन्होंने 2023 में किया था। लेकिन इस बार रोहित शर्मा मैदान पर एक अलग ही मिजाज में नजर आए। जैसे ही मिचेल स्टार्क ने तीसरा ओवर फेंका, रोहित का बल्ला जैसे आग उगलने लगा।
पहली गेंद पर छक्का, दूसरी पर फिर छक्का, और तीसरी पर चौका। स्टार्क, जो दुनिया के सबसे खतरनाक गेंदबाजों में से एक माने जाते हैं, उस दिन पूरी तरह से हक्का-बक्का रह गए। रोहित का यह धुआंधार खेल देखकर पूरा स्टेडियम झूम उठा। उस समय यह साफ हो चुका था कि आज का दिन रोहित शर्मा का था, और वह हर हाल में इस मुकाबले को जीतना चाहते थे।
रोहित का यह खेल न केवल भारत के लिए महत्वपूर्ण था, बल्कि यह उनके दिल की आवाज़ थी। 2023 में मिली हार का दर्द उनके अंदर भी बसा हुआ था। लेकिन इस बार, रोहित ने उस दर्द को अपने खेल में बदल दिया। उनकी हर शॉट में गुस्सा, जुनून और देशभक्ति का मिलाजुला रूप था।
टीम नहीं जीता पूरा भारत
रोहित की 41 गेंदों में 92 रन की पारी ने भारत को एक ठोस शुरुआत दी। यह पारी न केवल रन बनाने की थी, बल्कि यह पारी ऑस्ट्रेलिया के मनोबल को तोड़ने वाली थी। जब रोहित आउट हुए, पूरा स्टेडियम उनके सम्मान में खड़ा हो गया। उन्होंने न केवल एक कप्तान की तरह खेला, बल्कि एक योद्धा की तरह लड़ा।
इसके बाद सूर्या और हार्दिक पंड्या ने भी दमदार खेल दिखाया, और भारतीय टीम का स्कोर 205 तक पहुंचा दिया। 206 रन का लक्ष्य अब ऑस्ट्रेलिया के सामने था।
लेकिन भारतीय गेंदबाजों ने भी अपने कप्तान की तरह खेला। जसप्रीत बुमराह और कुलदीप यादव की शानदार गेंदबाजी ने कंगारुओं के बल्लेबाजों को टिकने नहीं दिया। एक-एक करके ऑस्ट्रेलियाई विकेट गिरते गए, और आखिर में, भारत ने यह मैच 50 रनों से जीत लिया।
यह जीत केवल एक मैच की जीत नहीं थी। यह जीत 2023 के उस कड़वे अनुभव का अंत और 2024 के एक नए युग की शुरुआत थी। भारतीय टीम ने न केवल अपनी क्रिकेट क्षमता को साबित किया, बल्कि अपने आत्मसम्मान को भी पुनः स्थापित किया। रोहित शर्मा की यह ‘पर्सनल’ जीत, पूरे भारत की जीत थी।
भारतीय क्रिकेट के इस नए अध्याय को हर कोई सालों तक याद रखेगा। यह एक प्रेरणा है कि चाहे हालात कितने भी कठिन क्यों न हों, अगर इरादे मजबूत हों, तो जीत निश्चित है।