India A पर Australia A के खिलाफ अनऑफिशियल टेस्ट मैच में बॉल-टैंपरिंग का आरोप लगा है। ईशान किशन को असहमति दिखाने पर रिपोर्ट किया गया। जानिए क्या है पूरा मामला।
एक विवादास्पद घटना में, India A टीम पर Australia A के खिलाफ पहले अनऑफिशियल टेस्ट मैच के दौरान बॉल-टैंपरिंग का आरोप लगा है। यह घटना मैच के चौथे दिन हुई, जिसने दौरे के मैचों के आचरण और नियमों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। इस घटना ने सीरीज शुरू होने से पहले ही दोनों टीमों के लिए मुश्किलें बढ़ा दी हैं।
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Toggleचौथे दिन का नाटक: India A पर बॉल-टैंपरिंग का आरोप
रविवार को जैसे ही खेल शुरू हुआ, अंपायर शॉन क्रेग ने खेल रोककर गेंद की स्थिति पर सवाल उठाया। उनका मानना था कि गेंद को खरोंचा गया था, जिसके बाद उन्होंने गेंद को बदलने का आदेश दिया। स्टंप माइक पर क्रेग की स्पष्ट हिदायत सुनाई दी, “जब आप इसे खरोंचते हैं, तो हमें गेंद बदलनी पड़ती है। कोई बहस नहीं, खेलें।” हालाँकि यह साफ नहीं है कि क्रेग को किस पर शक है, लेकिन इस घटना के लिए भारतीय टीम पर कोई पेनल्टी रन नहीं लगाए गए।
गरमा-गरम बहस: ईशान किशन की असहमति पर रिपोर्ट
अंपायर के फैसले पर India A के विकेटकीपर ईशान किशन ने नाराजगी जताई और इसे एक “मूर्खतापूर्ण निर्णय” करार दिया। इस पर क्रेग ने उन्हें असहमति दिखाने पर रिपोर्ट किया और कहा कि ऐसा व्यवहार अस्वीकार्य है। हालांकि, किशन वर्तमान में आगामी बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के लिए भारत की टेस्ट टीम का हिस्सा नहीं हैं, लेकिन उनकी प्रतिक्रिया ने उनके लिए मुश्किलें खड़ी कर दी हैं।
India A टीम में शामिल महत्वपूर्ण खिलाड़ी
India A टीम उभरते हुए टैलेंट के लिए एक मंच का काम करती है, लेकिन कुछ खिलाड़ी इस महीने के अंत में बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के लिए भारत की टेस्ट टीम में शामिल होंगे। इनमें तेज गेंदबाज प्रसिद्ध कृष्णा, ऑलराउंडर नीतीश कुमार रेड्डी, और बल्लेबाज अभिमन्यु ईश्वरन जैसे प्रमुख नाम शामिल हैं। इन आरोपों ने इन खिलाड़ियों के प्रदर्शन पर अतिरिक्त ध्यान केंद्रित कर दिया है, खासकर महत्वपूर्ण सीरीज से पहले।
Australia A जीत की कगार पर विवाद के बीच
बॉल-टैंपरिंग के आरोपों के बीच, Australia A ने दिन चार के खेल में मजबूत स्थिति बना ली थी, जहां नाथन मैकस्वीनी ने अर्धशतक लगाया और अपने टेस्ट स्पॉट के लिए एक मजबूत दावेदारी पेश की। उनकी शानदार पारी से ऑस्ट्रेलिया की टीम की तैयारी में भी तेजी आई है, जो इस सीरीज से अपने राष्ट्रीय टीम में नए खिलाड़ियों को जोड़ने की योजना बना रही है।
दोनों टीमों पर बढ़ा दबाव
इस घटना के बाद दोनों टीमों पर नियमों का पालन करने का दबाव है, जिससे खेल की भावना बनी रहे। अभी यह स्पष्ट नहीं है कि क्या इस मुद्दे पर कोई और कार्रवाई की जाएगी, लेकिन इस घटना ने साफ कर दिया है कि हर स्तर पर खेल की भावना को बनाए रखना जरूरी है। बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी सीरीज बस कुछ हफ्तों में शुरू होने वाली है और दोनों टीमें इस विवाद को पीछे छोड़ते हुए सीरीज की तैयारी में जुटना चाहेंगी।
आपकी क्या राय है? क्या आपको लगता है कि यह विवाद खेल के आचरण पर असर डालेगा? अपनी राय कॉममेंट में जरूर बताएं।