द एशेज (The Ashes) का नाम कैसे पड़ा? जानिए इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के बीच की इस ऐतिहासिक टेस्ट सीरीज़ की रोचक कहानी, जो 1882 में शुरू हुई थी।
कैसे शुरू हुआ ‘द एशेज’?
क्रिकेट की दुनिया में जब सबसे बड़ी प्रतिद्वंद्विता की बात आती है, तो सबसे पहले ‘The Ashes’ का नाम ही सामने आता है। यह नाम इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेले जाने वाले टेस्ट मैचों की सीरीज़ को दिया गया है। लेकिन क्या आपको पता है कि इस सीरीज़ को ‘द एशेज’ क्यों कहा जाता है? क्या है इस ऐतिहासिक नाम के पीछे की कहानी?’
1882: एक रोमांचक मुकाबले की शुरुआत
इस ऐतिहासिक नाम की उत्पत्ति के लिए हमें 1882 में वापस जाना होगा। जब ऑस्ट्रेलिया ने इंग्लैंड का दौरा किया था और दोनों टीमों के बीच एकमात्र टेस्ट मैच ओवल में खेला गया था। इस मैच में ऑस्ट्रेलिया ने पहले बल्लेबाजी की, लेकिन टेड पीट (4 विकेट 31 रन) और डिक बार्लो (5 विकेट 19 रन) की घातक गेंदबाजी के चलते पूरी टीम सिर्फ 63 रनों पर सिमट गई।
इंग्लैंड भी अपनी पहली पारी में कुछ खास नहीं कर सका और 101 रन बनाकर पूरी टीम पवेलीयन लौट गई। ऑस्ट्रेलिया के लिए फ़्रेडरिक स्पॉफोर्थ ने शानदार गेंदबाजी करते हुए 46 रन देकर 7 विकेट झटके।
स्पॉफोर्थ ने किया इंग्लैंड को धराशाई
ऑस्ट्रेलिया अपनी दूसरी पारी में भी कुछ खास नहीं कर पाई और महज 122 रन ही बना पाई, इंग्लैंड के सामने जीत के लिए 85 रनों का लक्ष्य था। इंग्लैंड की टीम आसानी से लक्ष्य की ओर बढ़ रही थी जब W.G ग्रेस का विकेट गिरा, इंग्लैंड का स्कोर 53/4 था और उन्हें जीत के लिए सिर्फ 32 रन चाहिए थे और उनके पास अभी भी 6 विकेट शेष थे।
इसी दौरान पहली पारी की तरह ही स्पॉफोर्थ ने अपनी गेंदबाजी से कहर बरपाया। स्पॉफोर्थ ने अपनी पहली पारी की शानदार गेंदबाजी को दोहराते हुए इंग्लैंड के 6 विकेट सिर्फ 24 रन पर गिरा दिए। इंग्लैंड की पूरी टीम 77 रनों पर सिमट गई और वह मैच 7 रनों से हार गए।
ऐतिहासिक मृत्युलेख : कैसे पड़ा ‘द एशेज’ नाम
इंग्लैंड की इस शर्मनाक हार के बाद, स्पोर्टिंग टाइम्स, जो एक ब्रिटिश अखबार था, ने एक व्यंग्यात्मक मृत्युलेख प्रकाशित किया। इसमें लिखा था कि
‘इंग्लिश क्रिकेट मर चुका है और उसकी राख को ऑस्ट्रेलिया ले जाया जाएगा’। तभी से इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेली जाने वाली टेस्ट सीरीज़ को ‘द एशेज’ कहा जाने लगा।
‘द एशेज’ की ऐतिहासिक प्रतिद्वंद्विता
अब तक, इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के बीच 340 से अधिक मैच खेले जा चुके हैं, जिसमें ऑस्ट्रेलिया ने 140 और इंग्लैंड ने 108 मैच जीते हैं। सीरीज़ की जीत में भी ऑस्ट्रेलिया को बढ़त हासिल है, जिसमें उन्होंने 34 बार एशेज जीती है जबकि इंग्लैंड ने 32 बार इस सीरीज को अपने नाम किया है।
‘द एशेज’ सिर्फ एक क्रिकेट सीरीज़ नहीं है, यह इतिहास, प्रतिस्पर्धा और खेल भावना का प्रतीक है। हर बार जब इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया आमने-सामने होते हैं, तो यह क्रिकेट प्रेमियों के लिए एक महाकाव्य संघर्ष होता है। यही वजह है कि ‘द एशेज’ को क्रिकेट की सबसे प्रतिष्ठित और रोमांचक टेस्ट सीरीज़ माना जाता है।
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