अजिंक्य रहाणे ने काउंटी क्रिकेट में लीसेस्टरशायर के लिए शतक जड़कर खुद को साबित किया। क्या ये प्रदर्शन BGT 2024 के लिए टीम इंडिया में वापसी का रास्ता खोलेगा?
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Toggleअजिंक्य रहाणे की धमाकेदार वापसी
टीम इंडिया के अनुभवी बल्लेबाज अजिंक्य रहाणे ने काउंटी चैम्पियनशिप में लीसेस्टरशायर के लिए खेलते हुए अपना पहला शतक जड़ा और एक बार फिर सुर्खियों में आ गए। भारतीय टेस्ट टीम के लिए कभी मजबूत मिडल-ऑर्डर का हिस्सा रहे रहाणे का फॉर्म पिछले कुछ समय से गिरावट पर था, जिसके चलते उन्हें टीम से बाहर कर दिया गया था। लेकिन रहाणे ने हार नहीं मानी और लगातार अपने खेल में सुधार करते रहे।
काउंटी क्रिकेट में दिखाया दमखम
अजिंक्य रहाणे ने विदेशी परिस्थितियों में अपने खेल को और निखारने के लिए लीसेस्टरशायर के साथ काउंटी चैम्पियनशिप 2024 के लिए करार किया। हाल ही में ग्लैमॉर्गन के खिलाफ मैच में उन्होंने शतक जड़कर टीम को मजबूत स्थिति में पहुंचाया। रहाणे ने चौथे स्थान पर बल्लेबाजी करते हुए पीटर हैंड्सकॉम्ब के साथ 183 रन की साझेदारी की, जिससे लीसेस्टरशायर को बढ़त हासिल करने में मदद मिली।
धैर्य और संयम की मिसाल
स्विंगिंग परिस्थितियों और अनुशासित गेंदबाजी का सामना करते हुए रहाणे ने जबरदस्त धैर्य और एकाग्रता दिखाई। इस महत्वपूर्ण साझेदारी की बदौलत लीसेस्टरशायर को ग्लैमॉर्गन के खिलाफ बढ़त मिली और टीम मैच में बनी रही। रहाणे के इस प्रदर्शन ने दर्शकों का दिल जीत लिया और उनके खेल के प्रति समर्पण को फिर से साबित कर दिया।
दलीप ट्रॉफी में नजरअंदाज किए गए रहाणे
रहाणे ने काउंटी चैम्पियनशिप में अपना ‘रिवेंज मोड’ तब ऑन किया जब उन्हें दलीप ट्रॉफी के लिए चयनकर्ताओं ने नजरअंदाज कर दिया। पूर्व उपकप्तान, जो 2023 से टीम से बाहर हैं, को पिछले महीने अजीत अगरकर की अगुवाई वाली चयन समिति द्वारा जारी 60 खिलाड़ियों की सूची में शामिल नहीं किया गया।
क्या BGT 2024 में होगी वापसी?
रहाणे की इस अनदेखी को चयनकर्ताओं द्वारा एक संकेत माना गया कि शायद उन्हें टीम में वापसी के सपने छोड़ देने चाहिए। लेकिन इसके बजाय, रहाणे ने लीसेस्टरशायर के साथ करार कर लिया और अपनी फॉर्म दिखाने का मौका नहीं छोड़ा। अब सवाल यह है कि क्या उनका यह शतक उन्हें बीजीटी 2024 के लिए टीम इंडिया की सूची में शामिल करवा सकता है?
अभी यह देखना बाकी है कि यह शतक उन्हें राष्ट्रीय टीम में वापसी दिला पाएगा या नहीं। लेकिन रहाणे का खेल के प्रति जुनून और फोकस निश्चित रूप से उनके प्रशंसकों की निगाहों में बना रहेगा।
अजिंक्य रहाणे का शतक यह साबित करता है कि उम्र और अनुभव के बावजूद मेहनत और धैर्य का कोई विकल्प नहीं है। चाहे वे भारतीय टीम में वापसी करें या न करें, उनके खेल का जज्बा और कड़ी मेहनत निश्चित रूप से प्रशंसकों को प्रेरित करेगी।