5 कारण जिसके कारण हुआ श्रीलंका क्रिकेट का पतन: क्यों और कैसे खो गई लायंस की दहाड़! 

श्रीलंका क्रिकेट का पतन क्यों हो रहा है? जानिए 5 बड़े कारण जो कभी चैंपियन टीम को डूबो रहे हैं! क्या लायंस फिर से दहाड़ पाएंगे? 

5 कारण जिसके कारण हुआ श्रीलंका क्रिकेट का पतन क्यों और कैसे खो गई लायंस की दहाड़! 

वर्ल्ड चैंपियन: श्रीलंका क्रिकेट टीम

एक समय था जब श्रीलंका क्रिकेट टीम विश्व में अपनी आक्रामक क्रिकेट और दमदार खेल के लिए जानी जाती थी। बैक टू बैक ट्रॉफी जीतने वाली यह टीम आज 2024 विश्व कप के ग्रुप स्टेज में बाहर हो गई।  कहां 624 रन की पार्टनरशिप करने वाली टीम और कहाँ आज 50 रन पर ऑल आउट! ऐसा क्या हुआ पिछले 10 सालों में कि श्रीलंका की परफॉर्मेंस इतनी गिर गई? आखिर क्या है श्रीलंका के डाउनफॉल के पीछे का कारण?

श्रीलंका क्रिकेट का सफर

आपको बताते चलें की सन 1832 में श्रीलंका ने क्रिकेट खेलना शुरू किया था। 100 साल बाद उन्होंने अपना पहला अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने का मौका मिला। 1972 में टीम का नाम श्रीलंका रखा गया और 1975 में उन्होंने अपना पहला एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैच खेला। जबकि 1981 में लायंस को टेस्ट मान्यता मिली और वे ICC के पूर्ण सदस्य बने। 

श्रीलंका की सफलता: 1986 से 2014 तक

1986 में श्रीलंका ने पहला एशिया कप जीता।  यह जीत अर्जुन राणातुंगा की कप्तानी और उनकी स्किलफुल बैटिंग के कारण संभव हो पाई थी।  1996 में उन्होंने ऑस्ट्रेलिया को हराकर विश्व कप जीता।  यह जीत राणातुंगा की कप्तानी, सनथ जयसूर्या और अरविंद डिसिल्वा के शानदार प्रदर्शन और मुरलीधरन के घातक गेंदबाजी के कारण संभव हुई।  2002 में चैंपियंस ट्रॉफी जीतने के बाद श्रीलंका एशिया की सबसे डोमिनेंट टीम बन गई।  2004 और 2008 में उन्होंने फिर से एशिया कप जीता। 

इस दौरान कुमार संगकारा, मार्वण अटपट्टू, महेला जयवर्धने, चमिंडा वास, लसित मलिंगा, और तिलकरत्ने दिलशान जैसे खिलाड़ियों ने श्रीलंका क्रिकेट को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया। 2007 में वे विश्व कप फाइनल में पहुंचे, लेकिन ऑस्ट्रेलिया से हार गए। 2011 में वे फिर से फाइनल में पहुंचे, लेकिन वहाँ उन्हें भारत से हार का सामना करना पड़ा।  2014 में श्रीलंका ने एशिया कप के साथ साथ टी-20 विश्व कप भी जीता।  इस दौरान श्रीलंकाई टीम ने एक बार फिर विश्व क्रिकेट में अपना दमखम दिखाया। 

श्रीलंका का पतन: 2015 से अब तक

2015 में श्रीलंका ODI विश्वकप के क्वार्टर फाइनल में बाहर हो गया।  इसके बाद से श्रीलंका का प्रदर्शन लगातार गिरता गया है।  2016 से 2019 तक श्रीलंका एशिया कप और विश्व कप में ग्रुप स्टेज से भी आगे बढ़ नहीं पाया।  2022 में श्रीलंका ने एशिया कप जीता, लेकिन 2023 और 2024 के विश्व कप में ग्रुप स्टेज से फिर से बाहर हो गया।  

श्रीलंका के डाउनफॉल के 5 कारण

1. राजनीति का दखल: श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड पर सरकार का दखल बहुत ज्यादा है।  इससे क्रिकेट में राजनीति का दखल बढ़ गया है।  खिलाड़ियों और कोचों के चयन में राजनीतिक दबाव का प्रभाव देखा गया है।  2023 में आईसीसी ने श्रीलंका को सस्पेंड भी किया था, क्योंकि श्रीलंकाई क्रिकेट बोर्ड पर सरकार का दखल था।  

2. कोच और खिलाड़ियों का रोटेशन: 2011 के बाद श्रीलंका ने 11 कोच बदले हैं।  इससे टीम में सिनर्जी नहीं बन पाती है।  हर कोच का अपना अलग तरीका होता है, और इतने कोचों के बदलने से टीम को अपने खेल को ढालने में मुश्किल होती है।  खिलाड़ियों का रोटेशन भी टीम की स्थिरता को प्रभावित करता है।  नए खिलाड़ियों को टीम में जगह बनाने और अपनी जगह पक्की करने में समय लगता है।  

3. रिटायरमेंट का दौर:  2014 में कई दिग्गज खिलाड़ियों ने रिटायरमेंट ले लिया।  इन खिलाड़ियों के रिटायरमेंट के बाद, श्रीलंकाई टीम में नए खिलाड़ियों को उनकी जगह लेने में समय लग रहा है।  नए खिलाड़ियों को अनुभव हासिल करने और अपनी क्षमता का प्रदर्शन करने में समय लगता है।  

4. प्रथम श्रेणी क्रिकेट का कमजोर स्तर: श्रीलंका में 26 प्रथम श्रेणी क्रिकेट टीमें हैं, जो बहुत ज्यादा हैं।  इससे प्रतियोगिता का स्तर कमजोर हो गया है।  कमजोर प्रतियोगिता के कारण, खिलाड़ियों को उच्च स्तर पर खेलने के लिए तैयार नहीं किया जा पाता है।  

5. कप्तानी का रोटेशन: 2011 के बाद श्रीलंका ने 12 नए ODI कप्तान बनाए हैं।  इससे टीम में स्थिरता नहीं आ पाती है।  कप्तानी में लगातार बदलाव से टीम में नेतृत्व का अभाव हो जाता है और श्रीलंकाई टीम को इसका भी नुकसान उठाना पड़ा है।

क्या लायंस फिर से दहाड़ पाएंगे?

श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड ने इन समस्याओं को सुधारने के लिए कदम उठाना शुरू कर दिया है।  हाल ही में भारत के खिलाफ ODI सीरीज में श्रीलंका ने अच्छा प्रदर्शन किया है।  उम्मीद है कि लायंस जल्द ही अपनी दहाड़ पूरे विश्व पर गरजाएंगे।  

हालांकि, श्रीलंकाई क्रिकेट को इन चुनौतियों का सामना करने और अपने गौरवशाली इतिहास को फिर से हासिल करने के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी। लेकिन विश्व क्रिकेट के बेहतरी के लिए हम उम्मीद करेंगे की श्रीलंकाई टीम एक बार फिर से बेहतर टीम बन पाए और हम एक बार फिर उनका जबरदस्त प्रदर्शन देख पाए।

निष्कर्ष

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